इंसान का अस्तित्व इस धरा पर तभी तक है, जब तक पानी है,
विश्व भर में अनेक बुद्धिजीवियों का यह मानना है कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए होगा,
हम लोग अपने बच्चों, अपने होने वाले नाति पोतो को कितना प्यार करते है, लेकिन वहीं दूसरी ओर उनको कष्ट पहुंचाने का मौक़ा भी नहीं छोड़ रहे, इसके अनेको उदाहरण है जो आगे निम्नलिखित है....
1. अपनी कार को रोज़ रोज़ सबमर्सिबल पम्प के पानी से चमका चमका कर धोना
2. पार्को में सुबह शाम सबमर्सिबल पम्प चला कर घंटो छोड़ देना
3. वाशबेसिन के नल को चला कर शेव करना
4. पानी की टँकी के ताजे पानी से घरों में पोछा लगाना
5. नल खुला छोड़ कर नहाना
क्या यह अपने आने वाली पीढ़ियों के साथ छल नही है?
इन बातों पर विवाद भी हो सकते है और विरोध भी.....
और अतिउत्साही होकर या अहंकार वश ये भी बोल या सोच सकते है कि हमारे पास पैसा है, हम ये सब उपयोग करने लायक है, सरकार को बिल देते है... etc etc..
लेकिन कभी हमने सोचा है कि आने वाली पीढ़ियों को हम क्या देकर जाएंगे, शायद सब कुछ ही खर्च करके न चले जाएं... हमारे दादा, परदादा हमे क्या कुछ नही देकर गए....
हां शायद इस भौतिकवादी युग के आराम के साधन ना दिए हो पर खाने और पीने को भरपूर मात्रा में संसाधन दे गए......
ये हमे सोचना है कि पीने का पानी, फ़सल सींचने के पानी की प्राथमिकता होनी चाहिए, या कार धोने की....
उपरोक्त दिए उदाहरण में पानी के दुरुपयोग दिए गए है तो वहीं अब आगे उन्ही दुरूपयोगो से बचने के उपाय दिए गए हैं
1. कार को रोज़ रोज़ सबमरसिबल पम्प से पाइप लगाकर धोने की बजाय बाल्टी में पानी लेकर धोये जरूरत ना हो तो रोज़ ना धोये, कपड़े से सिर्फ़ साफ़ कर ले.....
2. पार्को में एक दिन छोड़ कर पानी दे, घंटो पाइप लगाकर ना छोड़े
3. मग वगैराह में पानी लेकर शेव करें
4. अग़र वाटर प्यूरिफायर है तो उसके डिस्चार्ज पाइप से निकलने वाला waste पानी इक्कठा करके घर की सफ़ाई करने में use कर सकते है.....
1. अपनी कार को रोज़ रोज़ सबमर्सिबल पम्प के पानी से चमका चमका कर धोना
2. पार्को में सुबह शाम सबमर्सिबल पम्प चला कर घंटो छोड़ देना
3. वाशबेसिन के नल को चला कर शेव करना
4. पानी की टँकी के ताजे पानी से घरों में पोछा लगाना
5. नल खुला छोड़ कर नहाना
क्या यह अपने आने वाली पीढ़ियों के साथ छल नही है?
इन बातों पर विवाद भी हो सकते है और विरोध भी.....
और अतिउत्साही होकर या अहंकार वश ये भी बोल या सोच सकते है कि हमारे पास पैसा है, हम ये सब उपयोग करने लायक है, सरकार को बिल देते है... etc etc..
लेकिन कभी हमने सोचा है कि आने वाली पीढ़ियों को हम क्या देकर जाएंगे, शायद सब कुछ ही खर्च करके न चले जाएं... हमारे दादा, परदादा हमे क्या कुछ नही देकर गए....
हां शायद इस भौतिकवादी युग के आराम के साधन ना दिए हो पर खाने और पीने को भरपूर मात्रा में संसाधन दे गए......
ये हमे सोचना है कि पीने का पानी, फ़सल सींचने के पानी की प्राथमिकता होनी चाहिए, या कार धोने की....
उपरोक्त दिए उदाहरण में पानी के दुरुपयोग दिए गए है तो वहीं अब आगे उन्ही दुरूपयोगो से बचने के उपाय दिए गए हैं
1. कार को रोज़ रोज़ सबमरसिबल पम्प से पाइप लगाकर धोने की बजाय बाल्टी में पानी लेकर धोये जरूरत ना हो तो रोज़ ना धोये, कपड़े से सिर्फ़ साफ़ कर ले.....
2. पार्को में एक दिन छोड़ कर पानी दे, घंटो पाइप लगाकर ना छोड़े
3. मग वगैराह में पानी लेकर शेव करें
4. अग़र वाटर प्यूरिफायर है तो उसके डिस्चार्ज पाइप से निकलने वाला waste पानी इक्कठा करके घर की सफ़ाई करने में use कर सकते है.....
5. बाल्टी में पानी भरकर नहाए..........
6. पाइप लगाकर घर, बरामदे न धोये
7. अगर हमारे घर पर काम करने वाले कर्मचारी आते है तो उन्हे भी यही सीख दे।
फ़िर हमे अज्ञानतावश या अहंकारवश ये कहने की आवश्यकता नही पड़ेगी कि हम अमीर है पानी क्यों बचाये.....