है राम के वजूद पर हिन्दोस्तां को नाज़मशहूर जिनके दम से है दुनिया में नाम ए हिन्दअहले नज़र समझते हैं उसको इमाम ए हिन्द,
ये मशहूर पंक्तिया देश के जाने माने कवि, शायर, दार्शनिक और नेता श्री " अल्लामा इक़बाल " ने श्री राम के बारे में लिखी थी | ये उस देश का अपमान ही है कि जिस देश का नाम राजा भरत के नाम पर पड़ा, उसी के वंशज की जन्मभूमि पर आक्रांताओ का दावा बताया जा रहा है |
तथ्यात्मक दृष्टिकोण :
1- एक दिन जब सम्राट विक्रमादित्य वहाँ से गुजरे तो उजड़ा हुआ लेकिन किसी को भी आकर्षित करने वाली चमत्कारी जगह का अनुभव किया और खोजबीन करने पर पता चला की ये स्थान तो प्रभु श्री राम के वंशजो द्वारा रक्षित थी, जो महाभारत युद्ध के बाद आखिरी राजा बृहदवल के बाद खाली और वीरान हो गयी I सम्राट से रहा नहीं गया और उन्होने वहाँ पहले से ही प्रतिदिन पूजा पाठ करने वाले साधुओ से वास्तविकता बताने हेतु आग्रह किया तब जाकर सम्राट विक्रमादित्य को पता लगा की यहाँ पहले श्री राम जी का जन्मस्थल अर्थात महाराजा दशरथ का महल था जो श्री राम के समाधि लेने के बाद जीर्ण शीण हो गया
और फिर त्रेता युग मे महाभारत युद्ध के बाद श्री कृष्ण ने ही इस मंदिर का पुनरउद्धार करवाया I और जब इस इतिहास के बारे मे सम्राट को पता चला की ये धरोहर तो हमारे पूर्वजो की है अहम बात यह भी थी की महाभारत काल के साक्ष्य हैं
फिर क्या था चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने वहाँ प्रभु श्री राम के नाम पर विशाल मंदिर बनवाया और श्रद्धालुओ के लिए वो सारे इंतेजाम किए जो की श्री राम की जन्मभूमि या रघुकुल घराने मे हुआ करते थे, इस विशाल मंदिर की स्थापना के बाद एक बार फिर अयोध्या की रौनक लौट आई ,
2 - अयोध्या हमेशा ही धार्मिक नगरी रही है चाहे कोई भी काल खंड रहा हो , बौद्ध धर्म के मठ और उनका उल्लेख जो की विदेशी यात्री फ़ाहयान और हवेतसांग द्वारा उनके चीनी किताबों और उनके दार्शनिक इतिहास मे मिलते हैं I
3 - मुस्लिम आक्रांताओ ने जब 14वी शताब्दी तक ताबड़तोड़ हमले करके भारत मे लगभग हर जगह मुग़ल शाशन की नीव रखी, उसी समय से अपने साम्राज्य के इतिहास को गौरवशाली अंकित करवाने के लिए और अपने मज़हब के प्रचार के लिए मुग़लो ने दो कार्य किए
एक तो सभी हिन्दुस्तानियो को किसी भी तरह इस्लाम कुबूल करवाना और दूसरा सभी प्रसिद्ध धर्म स्थलो को तोड़ कर वहाँ मस्जिद बनवाना
इसी कड़ी मे सन 1528 मे विशाल राम मंदिर को तोड़ कर बाबर के निर्देशानुसार मस्जिद बनाई गयी ,
और औरंगजेब ने रही सही कसर उस मस्जिद को बाबरी मस्जिद का नाम दे कर कर दिया I
4 - अँग्रेजी हुकूमत मे भी इसी स्थान को अँग्रेजी अधिकारियों द्वारा राम मंदिर जन्म स्थल ना बोलकर हिन्दुओ का पवित्र जन्म स्थल माना गया I
5 - पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट्स
तकनीकी बिंदु
1 चाहे वह स्थान राम मंदिर ना भी हो लेकिन इतिहास से यह सिद्ध होता है की वहाँ राम मंदिर था I
2 वक्फ बोर्ड जो तथाकथित विवादित ढांचे की पैरवी कर रहा है और जो उस ढांचे की रखवाल करता था उसी वक्फ बोर्ड कानून मे लिखा है कि रखवाली करने वाला मालिक हो ही नहीं सकता
कारसेवक का अर्थ
कारसेवक शब्द 1990 से ही चर्चा मे आया I कार सेवको ने अयोध्या राम मंदिर की ओर प्रस्थान किया लेकिन राम जन्मभूमि स्थल तक पहुँचने से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गोलीबारी मे 5 कार सेवको कि मृत्यु हो गयी Iफिर तो सारा देश ही कार सेवको कि बात करने लगा और आखिरकार 1992 मे कारसेवको ने विवादित ढांचा गिरा दिया और हमेशा के लिए इतिहास मे कारसेवको का नाम दर्ज करा दिया लेकिन कार सेवक बहुत ही पुराना शब्द है
सिख गुरुओ ने भी कार सेवक शब्द का उपयोग एक विशेष कार्य के लिये किया है
संभवत आज के युवक या यूं कह लीजिये देश के काफी नागरिक आज भी कार सेवक शब्द के असली मतलब से अंजान है
भ्रांतिवश अधिकांश लोग कारसेवक का अर्थ ये समझते है कि जो लोग 1990 और 1992 मे अयोध्या कार वाहन से सवारी करके गए थे कार सेवक का असली अर्थ है स्वेच्छा से अपने हाथो से लोगो कि सेवा या परोपकार का कार्य करना या किसी धार्मिक कार्य मे हाथ बाटना I लेकिन हमारे पठन पाठन का ही दोष है कि हमे इसका इंग्लिश अनुवाद पता है जो कि Volunteer.