Monday, May 22, 2017

फ़र्ज़ी सोच

करवाचौथ नारी उत्पीड़न है, 3 तलाक़ धार्मिक आस्था...
देवदासी प्रथा वेश्यावृत्ति थी, हलाला पवित्र नारी-शुद्धिकरण...
बहुविवाह एक अनैतिक प्रथा थी, चार-निक़ाह ईश्वरीय आदेश...
चुटिया रखना धार्मिक ढोंग है, बकर-दाढ़ी ईश्वर का नूर है...
यज्ञोपवीत पहनना धार्मिक कट्टरवाद है, अरबी लबादा ओढ़ना धार्मिक पहचान है...
तिलक लगाना दकियानूसी कट्टरता है, मत्थे पे ईंटे से रगड़कर बनाया काला निशान आध्यात्मिक है...
कर्ण छेदन असभ्य क्रूरता है, ख़तना अलौकिक प्रक्रिया...
पितृपक्ष तर्पण एक ढोंग है, मरहूमों की मज़ारों पर चढ़ावा चढ़ाना श्रद्धा...
जल्लीकट्टू पशु उत्पीड़न है, पशुओं की गला रेतकर क़ुर्बानी धार्मिक आस्था...
गौरक्षा माँसाहार के अधिकार का हनन है, सुअर खाने वाले शैतान हैं...
दही-हांडी ख़ेल ख़तरनाक़ है, छाती-पीट ख़ूनी मातम धार्मिक आस्था...
संस्कृत गुरुकुल कट्टरवाद सिखाते थे, मदरसों में आधुनिक वैज्ञानिक शोध होते हैं...
व्रत-उपवास दकियानूसी ढोंग हैं, रोज़े वैज्ञानिक शारीरिक तपस्या है...
हिंदुओं में खानपान की छुआछूत अमानवीय है, शिया-सुन्नी-अहमदिया का आपसी क़त्लेआम स्नेहिल भाईचारा है...
हज़ारों साल पुरानी सारी इंसानी किताबें झूठी-बकवास हैं, 1400 साल पुरानी आसमानी किताब में ब्रह्माण्ड का सारा ज्ञान-विज्ञान है...
गुजरात में दुनिया के सबसे बड़ा दंगा हुआ, हज़ारों कश्मीरी पण्डित मारे खुशी के दुनिया छोड़ गए, लाखों कश्मीर छोड़ दिये...
फलस्तीनियों पर बहुत अत्याचार होता है, यज़ीदी दुनिया की सबसे खुशहाल कौम है...
रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी हैं, पाकिस्तानी-अफगानी हिन्दू बड़े सुरक्षित खुशहाल हैं...
इसमें से अधिकांश बातें तो बचपन से सुनता आया हूँ...
वाह रे प्रगतिशील सेक्युलर्स

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