Wednesday, March 7, 2018

किसका छदम राष्ट्रवाद ज़्यादा प्रासंगिक.........

अटल जी ने कहा था...... 50 सालो में हमने बहुत तरक़्क़ी की है इससे कोई इंकार नही कर सकता, इंकार करने का मतलब देश के पुरुषार्थ का, किसान का, मज़दूर का, आम इंसान का अपमान करना है.....
एक वो समय था जब भक्तो ने इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा कहा था....
एक आज का दौर है कि हर हर मोदी जैसे वाक्य स्लोगन प्रयोग होते है..... जब व्यक्ति (वो भी राजनीतिक व्यक्ति) की तुलना देवी देवताओं से होनी लगती है तो उसके घातक परिणाम आने स्वाभाविक हो जाते है.....
छदम राष्ट्र सेवक सहर्ष इस तरह के मुहावरों का अपने लिए प्रयोग स्वीकार करते है...
कभी सार्वजनिक रूप से आकर अपने भक्तों को मना नही करते कि ऐसा न करिए
मतलब हर हर महादेव से महादेव हटाकर हर हर मोदी...
कई बार व्यक्तिवाद इस कदर हावी हो जाता है कि उसका किया हुआ ग़लत काम भी सही लगता है.....
छदम राष्ट्रवाद वो राष्ट्रवाद है जो सुनाई तो बहुत ज़ोर से देता है लेकिन दिखाई कभी नही देता, चाहे इंदिरा जी के कार्यकाल की इमरजेंसी हो या बांग्लादेश का जन्म, इंदिरा जी के हर कृत्य को भरपूर समर्थन मिला, भक्त तब भी थे भक्त आज भी है.....
कांग्रेस को सभी G ने डूबा दिया चाहे 2G हो, cwG ho  या जीजा G हो, तुष्टिकरण भी ख़ूब किया या ये बोलिये रिकॉर्ड तक बना दिया तुष्टिकरण में....
आज से 4 साल पहले मोदी जी कहते थे 60 सालो में देश का बेड़ा ग़र्क कर दिया गया, जिसमे 8 साल जनता पार्टी की सरकार रही है और अब 4 साल बाद 60 साल से सीधे 70 साल बोलना शुरू कर दिया कि देश 70 साल से विकास का इंतज़ार कर रहा था, और भक्त कहते है हां यार सही बोलता है, राहुल मंदिर जाने लगते है तो उनके भक्त बोलते है देखो ब्राह्मण है, धर्म कर्म करता है मतलब हद्द है भक्ति की......
अगर जम्मू कश्मीर में अपने धुर विरोधियो के साथ सरकार बन सकती है तो सपा बसपा क्यों गठबंधन नही कर सकते, अगर बोडोलैंड का समर्थन कर सकते है तो खालिस्तान क्यों ग़लत हैं, जनता को इतना कंफ्यूज़ कर दो की उन्हें बस राष्ट्रवाद सुनाई देता रहे, और वो रोज़गार, पानी, मकान सब भूलकर जुमलो में फस जाए
चाहे पकोड़े बिकने का wait करे या राम मंदिर के निर्माण का....
आजतक किसी बड़ी पार्टी को देशहित में 500 करोड़ का दान देते नही देखा,
आज लोग लेनिन की मूर्ति गिरने पर टेंशन में है, कभी किसी देश के नायक की मूर्ति लगाई होती तो समझ मे आता कि देश को एक सूत्र में पिरोने के लिये देश के ही नायक चाहिए होते है ना कि उधार के खूनी वामपंथी, चुनाव आते ही गाय हमारी माता है वाली बाते शुरू हो जाती है, कृपया देश को बताए कि कितनी गौ शालाये खोली गई, सड़को पर  खुलेआम घूम रहे बैल बछड़ो और गाय माता का क्या, दुर्घटनाये भी होती है, क्या गौ माता के रहने का इंतज़ाम किया है, बस गौमांस और गायमाता सारे मुद्दे चुनाव में याद आते है..... ध्रुवीकरण और सबका साथ सबका विकास, कहीं एक सिक्के के दो पहलू तो नही ??
मायावती जी ने लगभग 100 टिकट यूपी विधानसभा में  मुस्लिमो को दिया, जिसे ख़ूब ज़ोरशोर से प्रचारित भी किया कि ध्रुवीकरण हो जाये, बीजेपी ने कहा देखिए मित्रो तुष्टिकरण हो रहा है.... फिर एक सज्जन ने पूछा, ये तो सबका साथ सबका विकास है देखिए जाति धर्म के हिसाब से टिकट दिए है, आपने तो एक को भी नही दिया, तब बोला जीतने वालो को टिकट दिया जाता है, फिर भक्त बोले हाँ यार सही कह रहे है...... प्रधानमंत्री जी कहते थे, ये FDI देश का विकास नही देश का विनाश है आज सभी विदेशी कम्पनियों को बुला रहे आओ आओ मेक इन इंडिया,
उधर स्वदेशी बाबा रामदेव जी विदेशी कम्पनियों को भगाओ का विज्ञापन नेशनल न्यूज़ चैनल पर कर रहे है....
जिस प्रकार 80 के दशक के भक्त, इमेरजेंसी को सही बता रहे थे, आज के दशक के लोग पकोड़े, देशी विदेशी का अंतर्विरोध भी सहर्ष न्यायसंगत बता रहे है....
आम आदमी ने देशहित में कृषि कल्याण, स्वच्छ भारत सेस भी दिया, लेकिन कभी नही चिल्लाया मैं देशभक्त हूँ, सेवक हूँ, अपना सब कुछ आधार से लिंक भी कर दिया, लेकिन तुम लोग अपना चंदा भी RTI से अलग रखे हो, NHAI को हाइवे बनाये सालो हो जाते है लेकिन साइड पटरी कभी बनी देखी है किसी ने...
छोटे छोटे चुनाव लड़ने के टिकट भी बेचे जाते है
वो नेता क्या ख़ाक विकास कराएगा....
भक्ति में लीन सभी पार्टियों के भक्त ये भूल जाते है कि दरअसल ऊपर बैठे आका बस मेरी कमीज तेरी कमीज से थोड़ी साफ है वाली सोच के हैं, अगर ना होते तो आज बात 100% शिक्षा की होती, 100% फ़्री इलाज की होती.....
अभी एक अनहोनी में यूपी के युवा विधायक जी की अपने साथी और पुलिस वालों के साथ सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी जो कि बहुत ही दुःखद था, मंत्री, मुख्यमंत्री सब परिवार को सांत्वना एवम मानसिक बल देने पहुंचे और पहुंचने भी चाहिए, लेकिन कोई भी उन पुलिस वालों के घर नही गया जो साथी विधायक जी के साथ दुर्घटना में स्वर्ग सिधार गए.....
कैसे कह दूं उन्हें देशभक्त......
अग़र IT cell वाले जबरदस्ती हिन्दू बाप है और माँ क्रिस्चियन उसे भी ईसाई बताये, बाप हिन्दू है माँ क्रिस्चियन उसे भी क्रिस्चियन बताये, बच्चो के नाम पर भ्रम फ़ैलाया जाए, धन्य है वो भक्त जो मामूली सा गूगल कर सच्चाई नही ढूंढ सकते, और ना ही भगवान सरीखे नेता अपने टुच्ची सेना को ऐसा फैलाने को मना करते है.....
भगवान को गाली दी तो राम नरेश अग्रवाल को पाकिस्तान भेज दो और अगर bjp में आ जाये तो वो गंगा में पाप धुलवा लिए, क्योंकि एक MP बढ़ गया, मतलब भगवान से ऊपर राज्यसभा की एक सीट.....गज़ब है भक्ति
किसान की फांसियों को बंद नही करा पाये,  बैंक उत्पीड़न कर रहे है और बैंक गबन कर रहे है और फर्जी देशभक्त कह रहे है ये 7 साल पहले का घोटाला है, तो आप क्यों नही पकड़ पाये 4 सालो में, हां राजनीतिक विरोधियों में लालू और कार्ति को पकड़ लिया शायद 2019 चुनाव से पहले वाड्रा को भी पकड़वा दो,
लेकिन यदि किसान मरता रहा तो आप देशभक्त कहलाने लायक नही....
#Modi vs #Rahul
सभी दलो को अपने नाम से सेवा या पार्टी शब्द निकाल कर प्राइवेट लिमिटेड लिख देना चाहिए.....
जय हिंद....

1 comment:

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